ईरान-इस्राइल संघर्ष से बढ़ी चिंता; भारत ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर” खतरे में दुनिया?
इस्राइल-हमास के बीच जारी युद्ध के साथ ही, इस्राइल-ईरान के बीच भी संघर्ष शुरू हो चुका है। हाल ही में, सीरिया के ईरानी दूतावास में हुए हमले के बाद से ही ईरान इस्राइल पर आग बबूला है। ईरान ने इस हमले के लिए इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया था और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। शनिवार को, ईरान ने इस्राइल में दर्जनों ड्रोन भेजे। इस हमले को देखते हुए अमेरिका इस्राइल के समर्थन में सामने आया है, जिसके बाद ईरान ने अमेरिका के समर्थन का विरोध किया है और उसे इस हमले से दूर रहने की धमकी दी है। ईरान ने धमकी देते हुए कहा है कि अगर इस्राइल ने एक और गलती की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।जानकारी के मुताबिक, ईरान ने इस्राइल पर लगभग 200 से अधिक ड्रोन्स और मिसाइल दागे हैं। इनमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें शामिल हैं। इस हमले के बाद, क्षेत्रीय तनाव उभरने की संभावना है। दोनों देशों के बीच संघर्ष की संभावना को देखते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी किया है। इसे गौरतलब है कि सीरिया में कुछ दिन पहले ही एक हमले में ईरान की विशेष सेना ‘रेवोल्यूशनरी गार्ड्स’ के कुछ सैनिक और कमांडर की जान गई थी। इस हमले के बाद, ईरान ने बदला लेने की चेतावनी भी दी थी।
इस्राइल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक बुलाकर ईरानी हमले की निंदा करने और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग की है। इस्राइल के दूत ने यूएन में एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ईरान द्वारा किए गए हमले से पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा पर खतरा है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि परिषद ईरान के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस, और ब्रिटेन जैसे कई देशों ने इस्राइल पर हमले की निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत की, जहाँ उन्होंने अमेरिकी समर्थन की भरपूर प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने इस्राइल को अपनी सुरक्षा में सहायता का वादा किया और बताया कि अमेरिकी सेना ने इस्राइल को ईरानी ड्रोन्स और मिसाइलों के हमलों के खिलाफ साथ दिया है। ब्रिटेन ने भी क्षेत्र में अतिरिक्त लड़ाकू विमान भेजे हैं, ताकि ड्रोन और मिसाइल हमलों का समय रहते पता लगाया जा सके।
हाल ही में, इजरायल में हजारों की संख्या में भारतीय नागरिकों के जाने की योजना बनाई जा रही है। इजरायल लगभग 1 लाख भारतीय कामगारों की आवश्यकता महसूस कर रहा है ताकि फिलिस्तीनी श्रमिकों की कमी को पूरा किया जा सके। इस उद्देश्य के लिए, भारत और इजरायल की सरकारों के द्वारा हजारों भारतीयों की भर्ती की गई है। इस प्रकार, भारत से इजरायल न जाने की यह सलाह इन भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश है। इजरायल और ईरान के बीच गाजा युद्ध के तनाव में आगे बढ़त हुई है, लेकिन सीरिया में ईरानी दूतावास में सैन्य कमांडर की हत्या के बाद, यह स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो गई है। इजरायल में लगभग 18 हजार भारतीय निवास करते हैं, जो वृद्धों की सेवा, सूचना तकनीक, और सलाह देने जैसे कामों में लगे हुए हैं। इसके साथ ही, ईरान में भी लगभग 4 हजार भारतीय निवास करते हैं, जो व्यापारिक और शैक्षिक गतिविधियों में शामिल लोग हैं। भारत की यह सलाह इस तनावपूर्ण माहौल में उसकी राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है। भारत चाहता है कि तनाव को और भड़कने से रोका जाए। इस सलाह के अतिरिक्त, भारतीय अधिकारी वहाँ निवास करने वाले भारतीय नागरिकों को वापस लाने की संभावित योजना पर काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की यह प्रोएक्टिव दृष्टिकोण दिखाती है कि नई दिल्ली सरकार अपने नागरिकों के साथ किसी भी संकट के समय साथ खड़ी है। इस सलाह के बाद,अब जो भारतीय इजरायल जाने वाले थे, उन्हें तब तक इंतजार करना होगा जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते। पहले अप्रैल को 64 भारतीयों का पहला दल इजरायल पहुंचा था। इसके अतिरिक्त, 6 हजार और भारतीय कामगार इसी महीने के अंत और मई के शुरू में इजरायल जाने वाले हैं। इजरायल इन भारतीयों को लाने के लिए विशेष एयर शटल सेवा की शुरुआत करना चाहता है।
इस्राइल: भारतीय दूतावास ने जारी किए आपातकालीन फोन नंबर।
इस्राइल स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ताजा एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से शांत रहने और स्थानीय प्रशासन की तरफ से जारी सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की। सोशल मीडिया पोस्ट में दूतावास ने कहा कि हम स्थितियों पर करीबी नजर रखे हुए हैं। दूतावास के अधिकारी इस्राइली अधिकारियों और समुदाय के लोगों से संपर्क में हैं, ताकि समुदाय के सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दूतावास ने एक लिंक साझा करते हुए भारतीय नागरिकों से अपना पंजीयन कराने की अपील की। दूतावास ने 24 घंटे काम करने वाले फोन नंबर +972-547520711, +972-543278392 और ईमेल cons1.telaviv@mea.gov.in जारी किए हैं। भारतीय नागरिक आपात स्थिति में इन फोन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने इस्राइल पर किए गए हमलों के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कल रात, इस्राइल के सैन्य आधारी ढांचे पर हुए हमले में सीरिया में स्थित ईरानी दूतावास को निशाना बनाया गया था। इस हमले का मुख्य उद्देश्य स्वायत्त रक्षा के अधिकारों का पुनर्संचार था। वे उम्मीद करते हैं कि इस्राइल ने इस स्थिति से संबंधित सभी अधिकारों का समय रहते समीक्षा की होगी। इराज इलाही ने आगे चेतावनी दी कि यदि इस्राइल अपनी दुष्ट और आतंकवादी गतिविधियों को फिर से जारी रखता है, तो उसे ईरान से सख्त प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। ईरान ने राजनयिक बातचीत में कई बार यह दावा किया है कि वह क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ावा नहीं देना चाहता है।
भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने आगे कहा कि इस्राइल का अवैध और आतंकवादी शासन किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून, नैतिक और मानवीय मानदंडों का उल्लंघन करता है। इस आतंकवादी शासन ने इस्लामी गणराज्य के खिलाफ अपनी दुश्मनी और द्वेष को कभी नहीं रोका है।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्राइल पर ईरान के हमले के बाद प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ईरान की निंदा की और इस्राइल का समर्थन भी किया । ब्रिटेन की तरफ से इस्राइल की मदद के लिए लड़ाकू विमानों को भेजा गया है।जैसे ही ईरान ने इस्राइल पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमला किया, वैसे ही इस्राइल में सायरन गूंजने लगे। सायरन की आवाज से लोग दहशत में जरूर आए, लेकिन इस हमले ने इस्राइल को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाया। इसकी मुख्य वजह है इस्राइल का एरो डिफेंस सिस्टम,जिसने आयरन डोम सिस्टम के साथ मिलकर ईरान की मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही तबाह कर दिया।
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